Friday, August 20, 2010

इस रात की तनहाइयों के, सब रंग बदल गए हैं..!
चाँद निकला है जैसे, वैसे ही अंधेरे बदल गए हैं..!!

जिन के भरोसे थी खुशियाँ, वो बादल ठहर गए हैं..!
मंजिलें तो अब भी वही हैं, कुछ रास्ते बदल गए हैं..!!

जिन पे किया था भरोसा हमने, वो दोस्त छूट गए हैं..!
देखे थे हमने जो, वो ख्वाब बदल गए हैं..!!

जो बने थे कभी हमसफ़र, आज वो ही मुकर गए हैं..!
इस टूटे हुए दिल के, सारे जज्बात बदल गए हैं..!!

न बदले कभी हम, न बदले हमारे ख़यालात..!
बस रोना है ये ही, की कुछ लोग बदल गए हैं..!!

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