Monday, February 1, 2010

माय स्पेशल FRIEND


My Special Friend

Your cheerful smile

Your caressing hand

It's the really simple things

That make your life look so grand


You're a special women

It's in your एएस

I see the truth

There is no दिस्गुइसे


It's your spirit

Maybe your soul

But my life without u

Would feel paइन्फुल्ल्यो old


You've been a true frnd

I hope you true

I would be so empty

If you ever went away

प्रवाह



बनकर नदी जब बहा करूंगी,

तब क्या मुझे रोक पाओगे?

अपनी आँखों से कहा करूँगी,

तब क्या मुझे रोक पाओगे?

हर कथा रचोगे एक सीमा तकबनाओगे

पात्र नचाओगे मुझे

मेरी कतार काटकर

तुमएक भीड़ का हिस्सा बनाओगे

मुझेमेरी उड़ान

को व्यर्थ बताहंसोगे मुझपर,

टोकोगे मुझेएक तस्वीर बता,

दीवार पर चिपकाओगे मुझे।

पर जब ...

अपने ही जीवन से कुछ पल

चुराकरमैं चुपके से जी लूँ!

तब क्या मुझे रोक पाओगे?

तुम्हे सोता देख,

मैं अपने सपने सी लूँ!

अपनी कविता के कान भरूंगी,

तब क्या मुझे रोक पाओगे?

जितना सको प्रयास कर लो इसे रोकने की,

इसके प्रवाह का अन्दाज़ा तो मुझे भी नहीं अभी!

माँ की व्यथा

मेरी


सहीअनजानी नहीं

हैमुझ

जैसीहज़ारों नारियों

कीकहानी यही

हैजन्म से हीखुद

कोअबला

जानाजीवन के हर मोड़

परपरिजनों ने हीहेय

मानाथी कितनी प्रफुल्लित

मैंउस अनूठे अहसास सेरच बस रहा

था जबएक नन्हा अस्तित्वमेरी

सांसों की तार मेंप्रकृति के

हर स्वर मेंनया संगीत सुन रही

थीअपनी ही धुन मेंन जाने

कितनेस्वप्न बुन रही

थीलम्बी अमावस के

बादपूर्णिमा का चाँद

आयाएक नन्हीं सी कली नेमेरे

आंगन को सजायाआए

सभी मित्रगण,

सम्बन्धीकुछ के चहरे थे लटकेतो

कुछ के नेत्रों मेंआंसू

थे अटकेभांति भांति सेसभी

समझातेकभी देते सांत्वनातो

कभी पीठ थपथपातेकुछ

ने तो दबे शब्दों मेंयह

भी कह डालाघबराओ नहीं,

खुलेगा कभीतुम्हारी किस्मत का

भी तालालुप्त हुआ गौरवखो

गया आनन्दअनजानी पीड़ा

से यह सोचकरबोझिल हुआ मनक्या

हुआ अपराधजो ये सब मुझे कोसते

हैंदबे शब्दों मेंमन की

कटुता मेंमिश्री घोलते हैंकाश!

ममता में होता साहसमाँ

की व्यथा को शब्द मिल

जातेचीखकर

मेरी नन्हीं कली कासबसे

परिचय यूँ करातेन इसे हेय,

न अबला जानो'
खिलने दो खुशबू पहचानो'

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,


दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,
ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,


कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,


उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,


मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,


उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,


अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,


यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो..........



आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो..........


बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो...........
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना..................
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो..........


आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ......
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ...
क्या पता कल ये बाते..............................
और ये यादें हो ना हो..............................


आज एक बार मन्दिर हो आओ....................
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ......................
क्या पता कल के कलयुग मे......................
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो..............


बारीश मे आज खुब भीगो.........................
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो...............
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह...............
कल ये बारीश भी हो ना हो.......................


आज हर काम खूब दिल लगा कर करो...........
उसे तय समय से पहले पुरा करो.................
क्या पता आज की तरह...........................
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो.................

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आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ...........
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो.............
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन...................
और आखों मे कोई सपना हो ना हो ...........

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