Sunday, May 16, 2010

हमने भी ज़माने के कई रंग देखे है
कभी धूप, कभी छाव, कभी बारिशों के संग देखे है
जैसे जैसे मौसम बदला लोगों के बदलते रंग देखे है
ये उन दिनों की बात है जब हम मायूस हो जाया करते थे
और अपनी मायूसियत का गीत लोगों को सुनाया करते थे
और कभी कभार तो ज़ज्बात मैं आकर आँसू भी बहाया करते थे
और लोग अक्सर हमारे आसुओं को देखकर हमारी हँसी उड़ाया करते थे
"अचानक ज़िन्दगी ने एक नया मोड़ लिया
और हमने अपनी परेशानियों को बताना ही छोड़ दिया

"अब तो दूसरों की जिंदगी मैं भी उम्मीद का बीज बो देते
हैऔर खुद को कभी अगर रोना भी पड़े तो हस्ते हस्ते रो देते है



इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है,

नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है।

एक चिनगारी कही से ढूँढ लाओ दोस्तों,

इस दिए में तेल से भीगी हुई बाती तो है।

एक खंडहर के हृदय-सी, एक जंगली फूल-सी,

आदमी की पीर गूंगी ही सही, गाती तो है।

एक चादर साँझ ने सारे नगर पर डाल दी,

यह अंधेरे की सड़क उस भोर तक जाती तो है।

निर्वचन मैदान में लेटी हुई है जो नदी,

पत्थरों से, ओट में जा-जाके बतियाती तो है।

दुख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर,

और कुछ हो या न हो,

आकाश-सी छाती तो है।




आदमी यह सोचता है, काश अपने पंख होते,


तो गगन में उड़ रहे हम खग-सदृश निःशंक होते ।


आज जीवन में हमारे उलझनें जो आ पड़ीं हैं,


और यदि सामर्थ्य से लगने लगी विपदा बड़ी है ।


दीप यदि उम्मीद का , होकर विवश बुझने लगा है,


और मन का दीप्त कोना ज्योति से चुकने लगा है ।


नीति यह कहती नहीं है हारकर पथ छोड़ देना,


श्रेय है तब राह का हर एक पत्थर तोड़ देना ।


आदमी के सामने कोई विपद कबतक टिकेगा ?


यदि हिमालय भी खड़ा हो सामने, पल में मिटेगा ।


कर-द्वयों से तोड़ लाते तुम्हें ,


नभ के चाँद- तारोंसोच लो,


क्या कर गुजरते,


हाथ होते गर हज़ारों ।



खुदा से क्या मांगू तेरे वास्ते

सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते

हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह

खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस

तरह सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे

पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे

आसमा हों या ज़मीन हर तरफ तेरा नाम हों

महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो

तेरी कोशिश को कामयाबी की आदत हो जाये

सारा जग थम जाये तू जब भी गए

कभी कोई परेशानी तुझे न सताए

रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए

दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये

खुशियाँ तेरे दर से न जाये

इक छोटी सी अर्जी है मान लेना

हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना

खुशियों में चाहे हम याद आए न आए

पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना

इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे

दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे