Monday, February 1, 2010

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो..........



आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो..........


बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो...........
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना..................
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो..........


आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ......
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ...
क्या पता कल ये बाते..............................
और ये यादें हो ना हो..............................


आज एक बार मन्दिर हो आओ....................
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ......................
क्या पता कल के कलयुग मे......................
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो..............


बारीश मे आज खुब भीगो.........................
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो...............
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह...............
कल ये बारीश भी हो ना हो.......................


आज हर काम खूब दिल लगा कर करो...........
उसे तय समय से पहले पुरा करो.................
क्या पता आज की तरह...........................
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो.................

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आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ...........
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो.............
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन...................
और आखों मे कोई सपना हो ना हो ...........

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